Shahdol GK History & Famous For शहडोल पर्यटक GK Tourism 2024

शहडोल जिले के प्रमुख पर्यटक स्थल

हेलो दोस्तों आज हम आपको मध्य प्रदेश के शहडोल जिले के Shahdol GK History & Famous For के बारे में जानकारी देने जा रहे हैं। जिसमें हम आपको शहडोल जिले के प्रमुख पर्यटक स्थल कौन-कौन से हैं इसके बारे में विस्तृत रूप से जानकारी देंगे। मध्य प्रदेश के 10 संभागों में से सबसे नया संभाग और क्षेत्रफल तथा जनसंख्या की दृष्टि से सबसे छोटा संभाग शहडोल संभाग है। शहडोल जिला बघेलखंड के पठार में स्थित है जो यूरेनियम तथा मीथेन गैस के भंडारों के लिए अत्यधिक प्रसिद्ध है ।

शहडोल जिले के प्रमुख पर्यटक स्थल

देश
भारत
राज्यमध्यप्रदेश
संभागशहडोल
जिला मुख्यालयशहडोल
जिलाशहडोल
तहसील6
विधानसभा3
खदानशहडोल जिले के सुहागपुर क्षेत्र में कोयले की खदान बहुत ही प्रसिद्ध है
भारत की पहली किन्नर विधायकभारत की पहली किन्नर विधायक शबनम मौसी सोहागपुर शहडोल जिले से चुनी गई थी।
मध्य प्रदेश का सबसे छोटा संभागशहडोल संभाग
प्रमुख गैसशहडोल जिले में यूरेनियम एवं मेथेन गैस के भंडार पाए जाते हैं।
प्रमुख भाषाबघेली और हिंदी
शहडोल जिले का वास्तविक नाम क्या थाशहडोल जिले का वास्तविक नाम सहस्त्र डोल था
ओरिएंटल पेपर मिल की स्थापनाशहडोल जिले में ओरिएंटल पेपर मिल की स्थापना की गई है।

☑️ शहडोल जिले की ओरिएंटल पेपर मिल

शहडोल स्थित अमलई में ओरिएंटल पेपर मिल की स्थापना की गई है । शहडोल में स्थित सुहागपुर में मध्यप्रदेश के अत्यधिक कोयले के भंडार पाए गए हैं। सोहागपुर में कोयले की चोरी को रोकने के लिए रोज रात्रि में 144 धारा लगा दी जाती है। हमारे भारत की प्रथम किन्नर विधायक शबनम मौसी सुहागपुर से चुनी गई थी । शहडोल में सोन परियोजना में घडियालों को संरक्षण प्रदान किया जा रहा है। शहडोल जिले में प्रमुख परियोजना सोन परियोजना चलाई जा रही है । सोन परियोजना मध्य प्रदेश की प्रमुख परियोजना हैं। शहडोल में विराटेश्वर का मंदिर अत्यधिक प्रसिद्ध है । शहडोल का नामकरण शहडोलवा अहीर के नाम पर किया गया था। शहडोल में बघेली भाषा बोली जाती है तथा यहां पर बानगंगा मेला अत्यधिक प्रसिद्ध है।

☑️ शहडोल जिले का इतिहास Shahdol GK History

शहडोल का वास्तविक नाम सहस्त्रडोल था जिसका अर्थ होता था हजार तालाब। मध्य प्रदेश का पूर्वी क्षेत्र खनिज संसाधनों की दृष्टि से संपन्न है क्योंकि भारत के सबसे खनिज संपन्न पठार छोटा नागपुर का पठार इस क्षेत्र को स्पर्श करता है । मध्यप्रदेश में शहडोल को महाभारत कालीन विराटेश्वर मंदिर के लिए भी जाना जाता है। सोन नदी पर बनी हुई बाणसागर परियोजना का मुख्यालय शहडोल जिले को ही बनाया गया है । शहडोल जिले के अंतर्गत आने वाली सोहागपुर कोयला खदान से एशिया का सबसे अच्छी गुणवत्ता का कोयला निकाला जाता है। शहडोल जिले के अंतर्गत ही अमलाई नामक स्थान आता है जहां पर बिरला समूह ने अपनी ओरियंट पेपर मिल की स्थापना की थी। यह मध्य प्रदेश में स्थापित होने वाला पहला निजी क्षेत्र का कागज कारखाना है। अपनी बनावट की दृष्टि से शहडोल को दक्कन के पठार का उत्तर पूर्वी किनारा माना जाता है ।

शहडोल जिले के प्रमुख पर्यटक स्थल निम्न है

✔️ बाणसागर परियोजना
✔️ बाणसागर बांध
✔️ विराट मंदिर
✔️ पचमठा मंदिर
✔️ क्षीरसागर
✔️ जोहिला फॉल्स
✔️ जिला पुरातत्व संग्रहालय
✔️ मरखी माता मंदिर
✔️ सराफा डैम
✔️ लख बरिया गुफा और मंदिर
✔️ माता सिंह वाहिनी भटिया वाली

☑️ बाणसागर परियोजना

हाल ही में रिलायंस पेट्रोलियम समूह ने शहडोल जिले के सुहागपुर से मीथेन गैस का उत्पादन शुरू किया है। शहडोल मध्य प्रदेश का एकमात्र ऐसा जिला जहां से यूरेनियम प्राप्त होता है। शहडोल जिले के अंतर्गत आने वाले प्रमुख दर्शनीय स्थल क्षीर सागर , कंकाली देवी मंदिर, अमरकंटक ताप विद्युत केंद्र तथा सोन और जोहिला नदी का संगम बाणसागर परियोजना के अंतर्गत बना हुआ । बाणसागर बांध भी इसी जिले की सीमाओं में आता है। यह बांध 1978 में बनना शुरू हुआ था तथा सन 2006 में बनकर पूरा हो गया था। इस बांध को बनने में 336 गांव डूबे थे। बाणसागर बांध की आधारशिला मोरारजी देसाई ने रखी थी । बाणसागर बांध का उद्घाटन अटल बिहारी बाजपेई के द्वारा किए गया था । शहडोल जिले के अंतर्गत 6 तहसील और 3 विधानसभा आती हैं।

☑️ बाणसागर बांध Shahdol

बाणसागर बांध शहडोल जिले का प्रमुख दर्शनीय स्थल है। यह बांध मध्य प्रदेश के शहडोल जिले के देवलोद नामक स्थान पर निर्मित एक अंतर्राज्यीय बहुउद्देशीय घाटी परियोजना है । यह परियोजना मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश और बिहार राज्यों के सहयोग से निर्मित की गई है। बाणसागर बांध मध्य प्रदेश में सोन नदी पर बना है। देवलोद रीवा से लगभग 55 किलोमीटर की दूरी पर रीवा शहडोल मार्ग पर स्थित है । इस बांध की ऊंचाई लगभग 67 मीटर है। 1020 मीटर लंबे इस बांध का मुख्य उद्देश्य कृषि हेतु पानी और बिजली का उत्पादन करना है।

बाणसागर बांध Shahdol

☑️ विराट मंदिर

यह शहडोल जिले के प्रमुख दर्शनीय एवं पर्यटन स्थलों में से एक है। विराट मंदिर को विराटेश्वर मंदिर भी कहा जाता है। इस मंदिर का निर्माण 950 ईसवी से 1050 ईसवी के बीच कल्चुरी नरेश युवराज देव ने करवाया था। जनश्रुति के अनुसार यह महाराजा विराट की नगरी है । महाभारत काल में पांडव यहां आए थे इस मंदिर के पास ही बाणगंगा में पाताल तोड़ अर्जुन कुंड है । कहा जाता है कि महाभारत काल में इस कुंड का निर्माण अर्जुन ने अपने तीर से किया था और यहां एक कुंड और बाणगंगा मंदिर है मंदिर के गर्भ में शिवलिंग स्थापित है। मंदिर के प्रवेश द्वार के पास नदी और शिव की प्रतिमा स्थापित है। इस मंदिर की बाहरी दीवारों पर कुछ कामुक प्रतिमाएं हैं जो देखने में खजुराहो के मंदिर की तरह ही लगती हैं। विराट मंदिर के पास ही विवेकानंद गार्डन भी है यहां बाणगंगा में प्रतिवर्ष मकर संक्रांति में विशाल मेले का आयोजन किया जाता है।

☑️ पचमठा मंदिर

शहडोल जिला मुख्यालय से 15 किलोमीटर दूर शिवपुर नामक स्थान पर यह मंदिर स्थित है। लोग इसे अति प्राचीन महाभारत कालीन मंदिर मानते हैं। यहां 11 रुद्र शिवलिंग स्थापित थी । लोग 11 मार्ग से इनकी परिक्रमा भी करते थे । अब दो मार्ग नष्ट हो चुके है केवल 9 मार्ग ही शेष बचे है । पचमठा मंदिर के दरवाजे पर बहुत ही सुंदर नक्काशी उकेरी गई है। जानकारों के अनुसार मंदिर लगभग 11 वीं सदी का माना जाता है । पचमठा मंदिर परिसर में मां कंकाली का मंदिर है। आसपास के गांव के लोग इसे कुलदेवी भी मानते हैं । शादी का न्योता सबसे पहले माता के दरबार में भेजा जाता है मंदिर परिसर में राम जानकी मंदिर, शिव मंदिर और सती चबूतरा भी स्थापित है । ऐसा माना जाता है कि इस स्थान पर महिलाएं पहले सती होती रही होगी।

☑️ क्षीर सागर

क्षीर सागर भी शहडोल जिले के प्रमुख पर्यटन एवं दर्शनीय स्थलों में से एक है। यह शहडोल जिला मुख्यालय से लगभग 20 किलोमीटर दूर स्थित है। इस स्थान पर जोहिला नदी और मुडिना नदी का संगम है। अमरकंटक से निकलने वाली नदियों में नर्मदा और सोन के अतिरिक्त रोहिल्ला तीसरी नदी है जो अमरकंटक से निकलती है जबकि मुडिना नदी शहडोल की एक छोटी सी नदी है । चारों तरफ से हरियाली से घिरा हुआ यह स्थान अनायास सैलानियों का मन मोह लेता है। संगम स्थल पर रेत की आकर्षक चादर करीब 50 एकड़ के क्षेत्र में बिछी हुई है। जिससे इलाका समुद्र के बीच के समान दिखाई देता है। आकर्षक विशाल रेत का मैदान और प्राकृतिक रूप नदी का साफ कल-कल बहता पानी मन को मनमोहक बना देता है।

☑️ जोहिला फॉल्स

शहडोल से लगभग 40 किलोमीटर की दूरी पर घने जंगलों के बीच जोहिला नदी का आकर्षक दृश्य पर्यटकों को लुभाता है । जोहिला फॉल में शहरवाल पाल के लोग बड़ी संख्या में पिकनिक मनाने पहुंचते हैं। 12 महीने नदी में पानी बना रहने और चट्टानों से गिरती आकर्षक पानी मनमोहक दृश्य को देखने के लिए दूर-दूर से लोग यहां पहुंचते हैं।

☑️ जिला पुरातत्व संग्रहालय

शहडोल के जिला पुरातत्व संग्रहालय की स्थापना 1981 में की गई थी। यह शहडोल में शहर के बीचो बीच गांधी स्टेडियम के पास कोतवाली मार्ग पर स्थित है। इस संग्रहालय में विंध्य क्षेत्र के शहडोल, उमरिया और अनूपपुर जिले में बिक्री मूर्तियों और कलाकृतियों को संग्रहित कर प्रदर्शित किया गया है । इसमें संग्रह हिंदू और जैन धर्म की प्रतिमाओ के अलावा देवी देवताओं की प्रतिमाएं हैं। हिंदू प्रतिमाओं में शैव , वैष्णव एवं सौर प्रतिमाओं का बाहुल्य है। संग्रहालय में 3 दीर्घाय भी है। संग्रहालय में पूर्व पाषाण, मध्य पाषाण और नवपाषाण काल में आदि मानव द्वारा उपयोग में लाए गए पत्थर के औजार भी रखे गए हैं । इसके अतिरिक्त यहां करोड़ों वर्ष पुराने पेड़ पौधों और जीवो के जीवाश्म सहेज कर रखे गए हैं । यहां की विभिन्न कलाकृतियां इस क्षेत्र की सामाजिक , आर्थिक, धार्मिक, राजनीतिक दृष्टि से प्रभावित व विकसित कलाकार स्वरूप प्रस्तुत करते हैं।

☑️ मरखी माता मंदिर

शहडोल जिले से केशवाही के पास जमीन जमुनिया नामक स्थान पर मरखी माता का प्रसिद्ध मंदिर है। मरखी माता को धूमावती माता के नाम से से भी जाना जाता है। इन्हें देवी की सातवी विधा कहा जाता है। मंदिर में माता की प्राचीन प्रतिमा है। मरखी माता धूमावती के दरबार में भक्तों की सभी मन्नते पूर्ण होती हैं। इसलिए यहां दूर-दूर से भक्त आते हैं। पहले इस स्थान पर माता की बहुत छोटी सी मरिया स्थित थी। 1988 में राम सिंह जीवन दुबे महाराज जी ने इस मंदिर के अंदरूनी भाग का निर्माण करवाया था।

☑️ सराफा डैम

सराफा डैम शहडोल जिला मुख्यालय से लगभग 15 किलोमीटर दूर सराफा नदी पर स्थित है। शहडोल शहर को पानी आपूर्ति करने के उद्देश्य से यह डैम बनाया गया है । डैम के पास ही पंप हाउस और फिल्टर प्लांट है। डैम से पानी फिल्टर प्लांट में साफ होने के बाद ही शहडोल शहर को सप्लाई किया जाता है । बांध के पास बहुत ही सुंदर गार्डन भी बनाया गया है।

☑️ लखबरिया गुफा और मंदिर

लखबरिया गुफा शहडोल जिले के बूढ़हा तहसील के अंतर्गत लखबरिया नामक स्थान पर बनाई गई हैं। जनश्रुति के अनुसार पांडवों ने अपनी अज्ञातवास का कुछ समय शहडोल जिले में बिताया और अर्जुनाक्षेत्र में करीब एक लाख गुफाओं का निर्माण किया। 100000 गुफाओं के निर्माण के कारण ही इस स्थान का नाम लख बरिया पड़ गया । अब यहां मात्र 13 गुफाएं ही शेष बची है । माना जाता है कि हर गुफा में एक शिवलिंग स्थापित था। परंतु अधिकांश गुफाओं के अंदर का हिस्सा मिट्टी में दब चुका है। लखबरिया में राम जानकी मंदिर और कुछ अन्य प्रसिद्ध मंदिर भी है।

☑️ माता सिंह वाहिनी भटिया वाली

शहडोल के जैतपुर में भटिया वाली सिंह वाहिनी माता का मंदिर स्थित हैं। मंदिर बहुत छोटा था कुछ समय पहले मंदिर का जीर्णोद्धार किया गया है । मंदिर में माता की प्राचीन प्रतिमा है यहां गणेश जी की भी प्राचीन प्रतिमा रखी गई है । मंदिर परिसर में कुछ छोटे-छोटे मंदिर भी है। नवरात्रि में मंदिर में भक्तों द्वारा जबारे रखे जाते हैं और भंडारा भी करवाए जाते हैं । नवरात्र में भक्तों की बहुत भीड़ यहां पर जमा होती है और यहां पर मेले का आयोजन भी किया जाता है।

Shahdol GK History & Famous For Related FAQ’s

▶️ महाभारत काल में पांडवों ने अपना कुछ समय अज्ञात काल के दौरान किस जिले में बिताया था?
उत्तर- शहडोल जिले में।

▶️ लख बरिया गुफा का नाम किस आधार पर पड़ा?
उत्तर- 100000 गुफाओं के होने पर इस गुफा का नाम लख बरिया पड़ा।

▶️ शहडोल जिले में कितनी तहसीलें हैं ?
उत्तर- 6

▶️शहडोल जिले में कितनी विधानसभा हैं?
उत्तर- 3

▶️ सोहागपुर कोयला की खदान मध्य प्रदेश के किस जिले में लगाई गई हैं?
उत्तर- सुहागपुर कोयले की खदान मध्य प्रदेश के शहडोल जिले में लगाई गई हैं।

▶️ सुहागपुर कोयले की खदानों से कोयले की चोरी को रोकने के लिए कौन सी धारा लगा दी जाती हैं?
उत्तर- सुहागपुर कोयले की खदानों से कोयले की चोरी को रोकने के लिए वहां पर धारा 144 लगा दी जाती है।

▶️ विवेकानंद गार्डन मध्य प्रदेश के किस जिले में बना है?
उत्तर- विवेकानंद गार्डन मध्यप्रदेश के शहडोल जिले में स्थित है।

▶️ शहडोल जिले का प्रमुख डैम कौन सा है?
उत्तर- मध्य प्रदेश के शहडोल जिले का प्रमुख डैम सराफा डैम है।

▶️ शहडोल पुरातत्व संग्रहालय की स्थापना कब की गई थी?
उत्तर- पुरातत्व संग्रहालय की स्थापना सन 1981 में की गई थी।

▶️ अर्जुन कुंड मध्य प्रदेश के किस जिले में बनाई गई है?
उत्तर- प्रसिद्ध अर्जुन कुंड शहडोल जिले में स्थित है।

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