- एमपी में एकमात्र रेलवे जोन की स्थापना वर्ष 1998 में जबलपुर में हुई जिसका नाम है पश्चिम मध्य रेलवे ।
- रेलवे स्लीपर बनाने का कारखाना वनखेड़ी (बुधनी) में है, तथा नवीन स्लीपर कारखाना झाबुआ में प्रस्तावित है। रेलवे भर्ती बोर्ड का मुख्यालय भोपाल में है। रेलवे ट्रेक्शन (विद्युत इंजिन) भेल पिप्लानी (भोपाल) में है।
रेल स्प्रिंग बनाने का कारखाना सिथौली (ग्वालियर) में है। वैगन रिपेयर वर्कशॉप सतना में है। डीजल लोकोमोटिव्ह कारखाना इन्दौर व विदिशा में है तथा तीसरा सीहोर के शेरपुर में निर्माणाधीन है। इलेक्ट्रिक एवं डीजल लोको शेड-कटनी व इटारसी में है। कोच रिपेयर वर्कशॉप भोपाल के निशातपुरा में है।
भारत के 17 कुल रेलवे जोनों में से एक मध्यप्रदेश एकमात्र रेलवे जोन एमपी में हैं।
एमपी के बुधनी (सीहोर) में रेल्वे स्लीपर बनाने का कारखाना है । यहाँ पर रेलवे के स्लीपर प्रमुख रूप से निर्मित होते हैं | यहाँ पर स्लीपर निर्माण की बहुत ही विशाल इंडस्ट्री है |
प्रदेश में रेल सेवा आयोग तथा रेल सेवा विभाग का मुख्यालय भोपाल में है। मध्यप्रदेश के भोपाल से दिल्ली चलने वाली भोपाल एक्सप्रेस I.S.O 9001 प्रमाण-पत्र प्राप्त करने वाली देश की पहली ट्रेन है।
एमपी की राजधानी भोपाल के हबीबगंज रेलवे स्टेशन को प्रमाण पत्र प्राप्त करने ISO 9001 का गौरव हासिल है। यह एमपी का रेलवे स्टेशन एकमात्र ऐसा रेलवे स्टेशन है जिसे यह प्रमाण पत्र मिला हुआ है |
मध्यप्रदेश का सोयाबीन का सबसे बड़ा कारखाना सिवनी मालवा में है | उज्जैन में एशिया का सबसे बड़ा सोयाबीन कारखाना है। राष्ट्रीय सोयाबीन अनुसंधान केन्द्र इंदौर में है। धान अनुसंधान केन्द्र बड़वानी मध्यप्रदेश में है । (भारत का कटक में) उद्यानिकी महाविद्यालय मंदसौर, रेहली (सागर) और छिंदवाड़ा में है। वर्ष 1989 से केन्द्र सरकार द्वारा प्रदेश के 33 जिलों में सूखे की स्थिति के समय सहायता हेतु “थ्रस्ट परियोजना” चलायी जा रही है। इसके तहत् चावल, गेहूँ व अरहर की फसलों को शत-प्रतिशत केन्द्रीय सहायता दी जाती है।
मंदसौर व नीमच राज्य के अफीम उत्पादक जिले हैं। खण्डवा व बुरहानपुर राज्य के गाँजा उत्पादक जिले हैं। प्रदेश में सर्वाधिक सरसों उत्पादक क्षेत्र ग्वालियर, भिण्ड, मुरैना है। प्रदेश में सर्वाधिक मूंगफली का उत्पादन खरगोन जिले में होता है। प्रदेश में पीली क्रांति का संबंध सरसों, अलसी और सोयाबीन के उत्पादन में वृद्धि से हैं।